किशनगढ़ टोल की 25 प्रतिशत फास्टैग लेन पर कैश पेमेंट की छूट, 30 दिन तक रहेगी अस्थायी व्यवस्था


जयपुर. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने बुधवार से सभी वाहनों के लिए फास्टैग जरूरी कर दिया गया है। लेकिन कई हाइवे ऐसे हैं, जहां टोल पर कैश का चलन ज्यादा है। इसको ध्यान में रखते हुए सरकार ने भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के 65 टोल नाकों पर नियम में 30 दिन के लिए छूट दी है।


इन 65 टोल नाकों पर 25 फीसदी फास्टैग लेन को 30 दिन के लिए मिले-जुले भुगतान वाली लाइन में बदलने की छूट दी गई है। हाइब्रिड या मिली-जुली लेन में फास्टैग भुगतान और नकद भुगतान करने वाले, दोनों प्रकार के वाहन जा सकते हैं। जिन टोल नाकों पर छूट दी गई है, उनमें जयपुर-अजमेर रोड पर किशनगढ़ और गेगल और उदयपुर का नेगदिया शामिल है।


छूट नहीं, ये अलार्म है


सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि यह अस्थाई व्यवस्था 30 दिन के लिए है। एनएचएआई के आग्रह पर यह कदम उठाया गया है, जिससे नागरिकों को किसी तरह की असुविधा ना हो। सरकार ने 15 दिसंबर से एनएचएआई के सभी टोल प्लाजा पर फास्टैग आधारित इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम लागू किया है। इसके तहत टोल प्लाजा की कम से कम 75 प्रतिशत लेन पर नकद भुगतान पर रोक लगा दी गई है।


इन राज्यों के टोल पर छूट


जिन टोल पर छूट है, उनमें यूपी, गुजरात, राजस्थान, पंजाब, चंडीगढ़ और आंध्र प्रदेश के टोल शामिल हैं। मंत्रालय ने एनएचएआई के चेयरमैन एस एस संधू को लिखे पत्र में कहा कि इन 65 टोल पर यातायात की स्थिति के अनुसार 25 फीसदी तक ‘फास्टैग लेन ऑफ फी प्लाजा' को अस्थाई रूप से हाइब्रिड लेन में बदला जा सकता है।


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