पेपर लीक मामले का आरोपी टीचर एसओजी के हत्थे चढ़ा, 2017 से था फरार

जयपुर। राजस्थान में हर विभाग की भर्ती परीक्षा में पुलिस व प्रशासन के लिए सिरदर्द बने जगदीश बिश्नोई को मुखबिर की सूचना पर मंगलवार को एसओजी ने खाटूश्यामजी से पकड़ लिया। पचास हजार का इनामी और नकल गिरोह का सरगना जगदीश मूलतया जालोर के सांचोर स्थित दाता गांव का रहने वाला है।


एडीजी अनिल पालीवाल ने बताया कि मंगलवार को एसओजी की टीम किसी बदमाश की तलाश में दबिश देने के लिए झुंझुनूं की तरफ जा रही थी तभी किसी मुखबिर से सूचना मिली कि पेपर लीक प्रकरण में फरार चल रहा जगदीश खाटूश्यामजी स्थित एक होटल के पास बैठा है।


सूचना पर टीम सीकर के पास वापस बुलाकर मौके पर भेजी गई। जहां से आरोपी की पहचान करके पकड़ लिया। जगदीश वहां सालासर जाने के लिए किसी का इंतजार कर रहा था। प्राथमिक पूछताछ में सामने आया कि आरोपी ने 2002 से नकल करवाने का काम शुरू किया था।


एडिशनल एसपी करण शर्मा ने बताया कि इसकी गिरफ्तारी पर पुलिस ने 50 हजार रुपए इनाम घोषित किया हुआ था। आरोपी 2017 से जमानत मिलने के बाद से फरार चल रहा था। जगदीश 2007 में सरकारी टीचर बना था।


तब से नकल करवाने और पेपर लीक करवाने का गिरोह चला रहा था। वह 2010 में निलम्बित हो गया था। जगदीश 2015 में पुलिस सब इंस्पेक्टर की भर्ती में नकल करवाने के मामले में भी गिरफ्तार हो चुका है। कुछ समय से पुलिस मुख्यालय भी हर भर्ती परीक्षा से पहले इसकी गिरफ्तार के लिए इनाम का सकुर्लर जारी करता है।


2007 में जगदीश टोंक से गिरफ्तार हुआ था। तब जेल में उसकी दिल्ली के व्यक्ति से जान-पहचान हो गई। उस प्रकरण में जमानत मिलने के बाद यह दिल्ली गया और गफ्फार मार्केट से नकली करवाने के लिए अलग-अलग प्रकरण उपकरण खरीदकर लाया। उससे पहले ये केवल परीक्षार्थी बदलकर पेपर पास करवाने का काम करता था।


कुछ लोगों का सलेक्शन होने के बाद मारवाड़ क्षेत्र में इससे कई लोग जुड़ने लगे तो इसने सब्जेक्ट के हिसाब टीम बना ली और पेपर लीक करवाने का काम शुरू कर दिया। आरोपी ज्यादातर परीक्षा केन्द्र से सांठगांठ करके पेपर लीक करवाता है। इस संबंध में उससे पूछताछ की जा रही है।



इधर, 2017 में फरार होने के बाद जगदीश ने राजस्थान छोड़कर हरियाणा की कई गैंग से संपर्क कर लिया, लेकिन उधर पुलिस और अन्य एजेंसियों द्वारा लगातार दबिश देने के कारण काम नहीं चल रहा था। ऐसे में जगदीश ने पिछले कुछ दिनों से हरियाणा की एक गैंग के सहयोग से शराब व मादक पदार्थों की तस्करी शुरू कर दी।